एक सड़क पे
चलते अकेले
दिख रहे हैं मुझको
लाशों के मेले
नदियों में खून
आसुओं की बूँद
खुशियों से सबकी
दुश्मनी हो जैसे
धुओं में जहाँ है
खुदा तू कहाँ है
क्या मर्ज़ी थी तेरी
ये जो हुआ है
नफरत की आंधी
खा रही है सबको
कलि का प्यार
बढ़ रहा है जैसे
जलता नहीं सूरज अब
जलते हैं इन्सान
इर्ष्या ने सबको
मौत दी है जैसे
पैसा कभी था
इन्सान के लिए
पर होती है मृत्यु
पैसा भगवन हो जैसे
शायद नरक है बेहतर
धरती से जादा
क्योंकि रोता है हैवान
ए धरती पे ही जैसे
चलते अकेले
दिख रहे हैं मुझको
लाशों के मेले
नदियों में खून
आसुओं की बूँद
खुशियों से सबकी
दुश्मनी हो जैसे
धुओं में जहाँ है
खुदा तू कहाँ है
क्या मर्ज़ी थी तेरी
ये जो हुआ है
नफरत की आंधी
खा रही है सबको
कलि का प्यार
बढ़ रहा है जैसे
जलता नहीं सूरज अब
जलते हैं इन्सान
इर्ष्या ने सबको
मौत दी है जैसे
पैसा कभी था
इन्सान के लिए
पर होती है मृत्यु
पैसा भगवन हो जैसे
शायद नरक है बेहतर
धरती से जादा
क्योंकि रोता है हैवान
ए धरती पे ही जैसे
where is the like button ??.. its really awesome :) :)
ReplyDeleteu can +1 it...its the like button
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