तुम जो आये ज़िंदगी में
बेरंग दुनिया की साद्गी में
जैसे भरे हैं रंग सूरज की किरणें
तुम्ही से तो है सूरज ज़िंदगी में
तुम जो आये ज़िंदगी में
मज़ा सा है अब जीने में
किसी चित्रकार का सपना हो जैसे
तुम सपनो में, सपने तुम्ही से
तुम जो आये ज़िंदगी में
नज़रों में मेरी, मेरी हर ख़ुशी में
तुम्ही से है हर फूल बेखुदी में
जो फेर्लो नज़रें तो है ये जहां बेरुखी में
तुम जो आये ज़िंदगी में
खोया सा हूँ अब आवार्गी में
क्या जियेंगे वो जिनके पास है खुदा
जीना तो है तब जब तुम हो ज़िंदगी में
बेरंग दुनिया की साद्गी में
जैसे भरे हैं रंग सूरज की किरणें
तुम्ही से तो है सूरज ज़िंदगी में
तुम जो आये ज़िंदगी में
मज़ा सा है अब जीने में
किसी चित्रकार का सपना हो जैसे
तुम सपनो में, सपने तुम्ही से
तुम जो आये ज़िंदगी में
नज़रों में मेरी, मेरी हर ख़ुशी में
तुम्ही से है हर फूल बेखुदी में
जो फेर्लो नज़रें तो है ये जहां बेरुखी में
तुम जो आये ज़िंदगी में
खोया सा हूँ अब आवार्गी में
क्या जियेंगे वो जिनके पास है खुदा
जीना तो है तब जब तुम हो ज़िंदगी में
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