साज़िश दिल लगाने की
जो मै कर गया
दो बूँदें आसुओं की
पी कर ही रेह गया
यादों का घर बनाने की
तमन्ना जो कर गया
आसुओं की बाड़ में
घर ही बेह गया
दिल लुटाने की
हिम्मत जो कर गया
बिखरे टुकड़े दिल के
समेट कर रेह गया
तुम्हे सच बताने की
ताकत जो जुटा गया
दिल तुड़वाने की आदत
मैं लगा कर रेह गया
आँखों से आँख मिलाने की
इच्छा जो कर गया
चट्टान से दर्द की
सीमा पे रेह गया
जिंदिगी तुम्हे देने की
आशा मै कर गया
चंद लम्हे ना दे सकी
तनहा ही रेह गया
प्यार को समझने की
जुर्रत जो कर गया
दो बूँदें आसुओं की
पी कर ही रेह गया
जो मै कर गया
दो बूँदें आसुओं की
पी कर ही रेह गया
यादों का घर बनाने की
तमन्ना जो कर गया
आसुओं की बाड़ में
घर ही बेह गया
दिल लुटाने की
हिम्मत जो कर गया
बिखरे टुकड़े दिल के
समेट कर रेह गया
तुम्हे सच बताने की
ताकत जो जुटा गया
दिल तुड़वाने की आदत
मैं लगा कर रेह गया
आँखों से आँख मिलाने की
इच्छा जो कर गया
चट्टान से दर्द की
सीमा पे रेह गया
जिंदिगी तुम्हे देने की
आशा मै कर गया
चंद लम्हे ना दे सकी
तनहा ही रेह गया
प्यार को समझने की
जुर्रत जो कर गया
दो बूँदें आसुओं की
पी कर ही रेह गया
the way the poem is written is beautiful.. amazing just loved it.. but the content made me sad....loved the poem though.
ReplyDeletekyu aap sad kyu ho gayi
ReplyDeletemast hai yaar..!!!
ReplyDeletethnk u....
ReplyDeleteits realy very nice......just loved it.....
ReplyDeletethnk u
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